JDU विधायक ने विधानसभा में उठाया मुद्दा, कहा-भेदभाव ना हो..EWS अभ्यर्थियों को आयु सीमा में मिले पांच वर्ष की छूट
बिहार विधानसभा के ंबजट सत्र के 13वें दिन खगड़िया जिले के परबत्ता से जदयू विधायक डॉ. संजीव कुमार ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के अभ्यर्थियों को आयु सीमा में पांच साल की छूट देने का मुद्दा विधानसभा में उठाया। सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से पिछड़े अभ्यर्थियों को EWS श्रेणी के तहत आरक्षण दिया गया है ताकि वे भी समाज की मुख्यधारा से जुड़ सकें और उनका भी आर्थिक सशक्तिकरण हो सके।

PATNA : बिहार विधानसभा के ंबजट सत्र के 13वें दिन खगड़िया जिले के परबत्ता से जदयू विधायक डॉ. संजीव कुमार ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के अभ्यर्थियों को आयु सीमा में पांच साल की छूट देने का मुद्दा विधानसभा में उठाया। सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से पिछड़े अभ्यर्थियों को EWS श्रेणी के तहत आरक्षण दिया गया है ताकि वे भी समाज की मुख्यधारा से जुड़ सकें और उनका भी आर्थिक सशक्तिकरण हो सके। किंतु अन्य आरक्षित श्रेणियों की तरह EWS श्रेणी के अभ्यर्थियों को सरकार द्वारा दी जाने वाली नौकरी आदि में आयु सीमा में पांच वर्ष की छूट का प्रावधान अभी तक नहीं करने के कारण EWS श्रेणी में काफी अभ्यर्थी सरकारी नौकरियों में आवेदन करने से वंचित रह जा रहे हैं।
इसी आलोक में आज बिहार विधानसभा में EWS अभ्यर्थियों को आयु सीमा में 5 वर्ष की छूट प्रदान करने के लिए ध्यानाकर्षण के माध्यम से सरकार का ध्यान आकृष्ट किया। विधायक डॉ. संजीव कुमार ने सदन में कहा कि आजादी के बाद देश में सामाजिक विषमताओं को दूर करने के उद्देश्य से आरक्षण का लाभ समाज के उन वर्गों को दिया गया था, जो सामाजिक और आर्थिक रूप से बहुत कमजोर थे। आवश्यकता को देखते हुए सरकार द्वारा सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से पिछड़े अभ्यर्थियों को ईडब्ल्यूएस श्रेणी के तहत आरक्षण दिया गया, लेकिन अन्य आरक्षित श्रेणियों की तरह ईडब्ल्यूएस श्रेणी के अभ्यर्थियों को सरकार द्वारा दी जाने वाली नौकरी आदि में पांच वर्ष की छूट का प्रावधान अभी तक नहीं किया गया है। जिस कारण ईडब्ल्यूएस श्रेणी में काफी अभ्यर्थी सरकारी नौकरियों में आवेदन से वंचित हो रहे हैं। ऐसे अभ्यर्थियों द्वारा अनेकों माध्यमों से आयु सीमा में निरंतर पांच वर्ष की छूट प्रदान करने के लिए सरकार का ध्यान आकृष्ट कराता हूं।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा नौकरियों में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग को आयु सीमा में छूट का प्रविधान है। अन्य पिछड़ा वर्ग को अधिकतम उम्र सीमा में तीन साल की और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति श्रेणी के अभ्यर्थियों को पांच साल की छूट दी जाती है। गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र एवं जम्मू कश्मीर में इस विसंगतियों को दूर कर ईडब्ल्यूएस आरक्षण में एसटी, एससी एवं ओबीसी आरक्षण की तरह आयु सीमा में छूट दी गई है। विधायक डॉ. संजीव कुमार ने कहा कि आरक्षण का सही लाभ तभी मिलेगा, जब एससी-एसटी और ओबीसी की तरह सरकारी नौकरियों के लिए उम्र में ईडब्ल्यूएस अभ्यर्थियों को भी छूट दी जाए। यह आरक्षण तभी प्रासंगिक होगा जब आर्थिक आधार पर पिछड़े छात्रों को आयु सीमा में छूट प्रदान की जाए।
राजस्थान, तमिलनाडु, गुजरात, हरियाणा, महाराष्ट्र जैसे राज्यों में छात्रों को आयु सीमा में छूट प्रदान की गई है। ऐसे में बिहार में भेदभाव क्यों किया जा रहा है। अगर सरकार वास्तव में चाहती है कि आर्थिक आधार पर पिछड़ों को इस आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए तो सरकार को केंद्र सरकार के पास प्रस्ताव भेजना चाहिए।